Sunday 14 September 2014


दोस्तो आज-कल हरियाणा मे हूँ, और कल रात यहाँ रागनी सुन रहा था वैसे तो ragini mms-2 का फ्लॉप रहने का इससे कोई सम्बन्ध नहीं है परन्तु फिर भी अपने कॉलेज मे किसी की याद आ जाती है मेरे अंदर किसी भी क्षेत्रिय लोकगीत के लिये सम्मान का भाव रहता है, माना कि उनके अंदर रागनी के प्रति असीम प्रेम उमडता रहता होगा परन्तु इसका यह कदाचित भी मतलब नहीं की स्थान, समय या उत्सव का ध्यान ना रखा जाये कई दफे ऐसा देखने को मिला कि "महोदय" के इस बचकानी आदत ने सभी का बहुमूल्य समय नष्ट किया अरे भाइ बाथरूम के अंदर तो सभी अच्छा ही गाते हैं तो इसका ये मतलब थोडे ना है कि आप किसी के ज़नाजे पे भांगड़ा करना शुरू कर देंगे कहते है के सभी लोगो के अंदर अलग-अलग तरह के कीडे होते हैं, मेरा एक दोस्त कहता था कि इसके अंदर प्लस्टिक के कीडे हैं, जो ना सडते हैं ना गलते हैं और बात जहाँ तक रागनी की है तो माँ कसम मेरे जैसा बेसुरा भी हरियानवी औरत से ज्यादा अच्छे सुर मे गा सकता है।

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