Saturday 17 October 2015

जो भी आया है वो जायेगा एक दिन फिर ये इतना अहंकार किसके लिए

नदी में हाथी की लाश बही जा रही थी।
एक कौए ने लाश देखी,
तो प्रसन्न हो उठा, तुरंत उस पर आ बैठा।
यथेष्ट मांस खाया।
नदी का जल पिया।
उस लाश पर इधर-उधर फुदकते हुए
कौए ने परम तृप्ति की डकार ली।
वह सोचने लगा,
अहा! यह तो अत्यंत सुंदर यान है,
यहां भोजन और जल की भी कमी नहीं।
फिर इसे छोड़कर अन्यत्र क्यों भटकता फिरूं?
कौआ नदी के साथ बहने वाली
उस लाश के ऊपर कई दिनों तक रमता रहा।
भूख लगने पर वह लाश को नोचकर खा लेता,
प्यास लगने पर नदी का पानी पी लेता।
अगाध जलराशि, उसका तेज प्रवाह,
किनारे पर दूर-दूर तक फैले प्रकृति के
मनोहरी दृश्य-इन्हें देख-देखकर
वह विभोर होता रहा।
,
नदी एक दिन आखिर महासागर में मिली।
वह मुदित थी कि उसे अपना
गंतव्य प्राप्त हुआ।
सागर से मिलना ही उसका चरम लक्ष्य था,
किंतु उस दिन लक्ष्यहीन कौए की तो
बड़ी दुर्गति हो गई।
चार दिन की मौज-मस्ती ने उसे
ऐसी जगह ला पटका था,
जहां उसके लिए न भोजन था,
न पेयजल और न ही कोई आश्रय।
सब ओर सीमाहीन अनंत खारी जल-राशि
तरंगायित हो रही थी।
,
कौआ थका-हारा और भूखा-प्यासा
कुछ दिन तक तो चारों दिशाओं में
पंख फटकारता रहा,
अपनी छिछली और टेढ़ी-मेढ़ी उड़ानों से
झूठा रौब फैलाता रहा,
किंतु महासागर का ओर-छोर उसे
कहीं नजर नहीं आया।
,
आखिरकार थककर,
दुख से कातर होकर वह सागर की
उन्हीं गगनचुंबी लहरों में गिर गया।
एक विशाल मगरमच्छ उसे निगल गया।
,
शारीरिक सुख में लिप्त मनुष्यों की भी
गति उसी कौए की तरह होती है,
जो आहार और आश्रय को ही
परम गति मानते हैं और अंत में
अनन्त संसार रूपी सागर में समा जाते है।
जीत किसके लिए,
हार किसके लिए
ज़िंदगीभर ये तकरार किसके लिए....
जो भी आया है वो जायेगा एक दिन
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए.
,
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Tuesday 13 October 2015

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

                                        

                                        जय माँ शेरावाली तेरी सदा ही जय हो। 





माता रानी आप सभी की मनोकामनायें पूर्ण करे , हर परेशानियों से लड़ने के शक्ति प्रदान करे।
देश में शांति, प्रेम और सदभावना का हमेशा वास हो। सभी पापियों का माता रानी अंत करे।
नारी जाति का अपमान करने वालों का विनाश करे।
इस नवरात्रि माता रानी की पूजा के साथ - साथ समस्त नारी जाति के सम्मान करने का प्रण ले।
 माता रानी आप सभी के कष्टों का निवारण करे।
जय माता की।