Monday 13 July 2015

बेटा- माँ मैं आत्महत्या करने जा रहा हूँ ।

 


By:- Arahan Singh Dhami

Note:- ये एक व्यंग्यात्मक काल्पनिक लेख है। 

इस Digital युग में हर कोई आगे रहना चाहता है, चाहे वो सोशल नेटवर्किंग site पर  ही क्यों न हो।
आज के युग के लोग Real life से ज्यादा virtual life में busy रहते हैं, यानी सोशल नेटवर्किंग sites पर। कुत्ते, बिल्ली, गाय , भैंस, बकरी सभी का सोशल नेटवर्किंग sites  पर account मिल जाएगा, तो गाऊँ और छोटे शहर के लोग क्यों पीछे रहे, ऐसे ही एक छोटे से शहर का लड़का, जिसके शहर में social networking site का चलन नया - नया था, फेसबुक पर अकाउंट बनाता है, profile picture पर Ranbir kapoor की picture लगाता है, FB पर about वाले section में अपने बारे में English में लिखता है:- My Attitude is complicated to understand.ये लाइन शायद उसने कहीं सुनी या पढ़ी होंगी, तो इसी को Details about You में चिपका दिया, 10-12 दिन के अंदर उसके 300 frndz बन गए। ऐसा देखते ही उसे ख़ुशी हुई, अब तो हर जगह, हर वक़्त mobile पर लगा रहता, क्या घर क्या school, सब जगह mobile ही उसका साथी बन चूका था, मोबाइल पर Fb चलाने के सिवा उसका कोई दूसरा काम नही था, इस वजह से वो पढ़ाई में भी dull होता जा रहा था। असल ज़िंदगी के दोस्तों से दूरी बढ़ती जा रही थी,FB पर अकाउंट बनाये हुए उसे "6" महीना हो गया था, अब उसके पास Fb चलाने का "6" महीनों का experience था, वो अपनी wall पर शायरी, quotation, post करता, और उसकी पोस्ट पर likes और comments भी मिलते,एक दिन उसे ख़याल आया, कब तक bollywood, Hollywood actors को अपनी profile picture बनाऊंगा, क्यों न अपनी रियल फोटो को ही Profile picture बनाऊ, उसने अपनी सबसे अच्छी Pic select की उसे Edit किया,और profile picture बनाने के लिए upload कर दिया, upload करते ही उसने logout कर दिया, ताकि एक - दो  घंटे बाद देखूँ की कितने likes और comments मिले हैं , जैसे ही दो घंटे बाद वो अपना FB account login करता है, तो दुःखी हो जाता है, देखता है, profile pic को सिर्फ एक ही like मिला है, वो भी खुद का, लेकिन जैसे ही comments देखता है तो खुश हो जाता है, बहुत सारे comments मिले होते हैं उसे, लेकिन जैसे ही कमेंट्स पड़ता है तो निराशा हाथ लगती है, वो उसी  समय logout कर देता है, और depress फील करता हुए सोचता है क्या में इतना बुरा हूँ, जो मेरे फोटो को एक भी like नही मिले, और इतने गंदे comments मिले, मुझे असल ज़िन्दगी में भी कोई अच्छा नही मानेगा, वो सोचता है ज़िन्दगी यही खत्म हो गयी, और sucide करने की योजना बनाता हुआ घर से बाहर की  ओऱ जाता है, इतने में उसकी माँ उसे बोलती है बेटा  कहाँ  जा रहा है? (उसकी माँ पढ़ी - लिखी समझदार महिला थी) बेटा बोलता है:- "माँ मैं  आत्महत्या करने जा रहा हूँ," उसकी माँ एकदम सकते में आ जाती है,और बेटा बोलता है ;- माँ मुझे मत रोकना, माँ उसे अपनी कसम दे कर रोक लेती है, और उससे पूरी बात मालुम कर लेती है, और बोलती है, इतनी सी बात पर आत्महत्या करने जा रहा है, मैंने तो नही की थी  आत्महत्या,  बेटा:- क्या मतलब?
मतलब ये की मैंने  भी FB पर id बनाई थी, katrina kaif  की photo को profile pic बनाया था बेटा, और एक लड़के से chatting भी करने लगी थी, उसने Hrithik की pic लगाई थी, और अपनी age 23 साल बताई,उस लड़के से चैटिंग करके मुझे लगा मेरा जलवा अभी -भी कायम है, और मेरा confidence level भी high हो गया था, एक दिन मैंने अपनी real pic upload की, ये दखने के लिए कि कितने likes मिलते हैं, बेटा:- तो कितने likes मिले माँ ? माँ :- एक, वो भी उस लड़के का जिससे मैं चैटिंग करती थी,मैं निराश हो गई, मैंने सोचा क्या मेरा चेहरा इतना गंदा है, उस समय मुझे भी तेरे जैसी feeling आई, लेकिन ठीक उसी समय उस लड़के ने msz किया की  वो मुझ से मिलना चाहता है, तब मैंने सोचा कोई like करे या न करे, लेकिन जो मेरी Real pic दखने के बाद भी मुझ से मिलना चाहता है, वो ज़रूर अच्छा इंसान होगा, इसीलिए मैं चली गई उससे मिलने। बेटा मैं coffee शॉप  बड़े अरमानों से गयी थी ,लेकिन जैसे ही वहां पर गंजे आदमी को देखा तो मेरा मूड ख़राब हो गया।  बेटा:- माँ उस गंजे आदमी को देखकर आपका मूड ख़राब क्यों हो गया ? माँ :- बेटा वो गंजा आदमी तेरे पापा थे, तो पापा ने तो आपको रँगे हाथों पकड़ लिया होगा उस  लड़के के साथ, माँ :- नही पकड़ा क्योंकि जिस लड़के से मैं chatting करती थी, और जिसने मेरी Real pic को like किया था, वो तेरे पापा ही थे, बेटा:- तो पापा ने आपको क्या बोला, बेटा पापा ने बोला:- मैं ही हूँ तुम्हारा Hrithik Rosan जिससे तुम मिलने आई हो , मेरी katrina. बेटा उस दिन मैंने सोचा अच्छा ही हुआ की, जाने - अनजाने मैंने तेरे पापा से चैटिंग की, अगर कोई और होता तो मैं उसके चक्कर में फँस जाती, और तेरे दो पापा होते।उस दिन मुझे समझ में आया, virtual वर्ल्ड से ज्यादा जो हमारे रियल लाइफ में हैं उन रिश्तों को अहमियत देनी चाहिए। virtual वर्ल्ड में आपको likes और कमेंट्स मिले न मिले लेकिन आपको रियल लाइफ में अपनों का प्यार मिलना चाहिए, और उनको प्यार देना भी चाहिए।
बैठे ने सोचा माँ सच बोल रही है या झूठ, जो भी है, मेरी आँखें खुल गई। माँ की बात सुन कर उस लड़के को समझ में आ गया की virtual वर्ल्ड से मिले likes और comments से ज्यादा Real लाइफ में अपने परिवार और सच्चे दोस्तों की  बातों को तवज्जो देना चाहिए।      

Monday 6 July 2015

बुआ 500 रु दो अपनी ज़िन्दगी बनाता हूँ



By- Arahan singh dhami

Note:- ये सब कालपनिक है, ये व्यंग्यात्मक लेख है। 








एक लड़का जिसकी उम्र 16 - 17 साल होगी अपनी बुआ के साथ शहर में रहता था, उसकी बुआ रिटायर्ड टीचर थी, और उस लड़के को गाऊँ से शहर पढ़ाने के लिए लायी थी, क्योंकि गाऊं में अच्छा स्कूल नही था, गाऊँ के ज्यादातर बच्चे भी गाऊँ छोड़कर शहर में पड़ने आ गए थे, इसीलिए उस लड़के के बुआ उसको शहर ले आई।        6 - 7 महीने तो वो लड़का आज्ञाकारी बन कर रहा, उसने अपनी बुआ का भरोसा  जीत लिया था, उसकी बुआ को लगने लगा की वो सीधा - साधा और होशियार लड़का है, लेकिन उसकी बुआ को क्या पता था जिसको वो सीधा - साधा सोच रही है, उसे शहर की हवा लग चुकी है, एक  दिन उस लड़के ने अपनी बुआ से कहा- "बुआ मुझे 500 रु दो मैं अपनी ज़िन्दगी बनता हूँ", उसकी बुआ हँस कर बोली- बेटा 500 रु में कैसे ज़िन्दगी बनाएगा तू ? लड़का बोला बुआ में tution लगाउँगा और मेहनत करूंगा।  बुआ बोली बेटा 500 रु  में तो एक ही subject पड़ पायेगा, वो बोला बुआ मैंने सस्ता tution ढूंढ लिया है, 200 रु, मैथ्स के,  200 रु science के, और मेरे दोस्त का भाई  सिर्फ 100 रु में इंग्लिश का tution पढ़ाने को तैयार है, उसकी बुआ खुश हुई, सोचा आज के इस जमाने में 500 रु में तीन subject कौन पढ़ाता है, और उसकी बुआ ने उसे 500 रु दे दिए, उस दिन छुटटी का दिन था, लड़का बोला बुआ में आज से ही tution जाऊँगा, आज दिनभर पढूंगा और शाम को आऊंगा, इसीलिए आप चिंता मत करना, उसकी बुआ ने बोला ठीक है , और वो किताब और नोटबुक लेकर चला गया, जाने से  पहले उसने अपनी बुआ के पैर छुए, और बोला बुआ मुझे आशीर्वाद दो. बुआ बहुत खुश हुई,  बोली ऐसे ही मेहनत करना, आगे बढ़ना।  दिन गुजर गया, और दिन से रात हो गई, वो लड़का घर नही आया, उसके पास मोबाइल भी नही था, उसकी बुआ को चिंता होने लगी, वो दरवाज़े पर खड़े होकर गली में  दखने लगी, इंतज़ार करते-करते 11 बज गए वो लड़का  अभी तक नही आया, गली में  एक ही पोल लाइट जल रही थी, इतने में उसकी बुआ ने देखा कुछ परछाई गली की ओर आगे बढ़ते जा रही थी, नज़दीक आने पर देखा दो लड़के एक लड़के को सहारा देकर ला रहे हैं, उसकी बुआ ने सोचा कॉलेज के  लड़के होंगे जो दारु के नशे में हैं, ऐसा सोच ही रही थी की वो लड़के बुआ के पास आये, बुआ ने देखा जिसको सहारा देकर ये ला रहे थे वो, उसका भतीजा है, दोनों लड़के बोले आंटी संभालो अपने भतीजे को, बुआ ने पूछा क्या हुआ इसे, वो बोले दारु पीकर नाली में पड़ा था, और कुछ कुत्ते इसका मुँह चाट रहे थे, और हम इसको  यहाँ ले आये , बुआ ने उन लड़को को thank you बोला और अपने भतीजे को अंदर ले गई, लड़का होश में नही था,  बुआ को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था, और रोना भी, बुआ ने सोचा कल जब होश में आएगा तब बताऊँगी इसे। अगली सुबह बुआ ने उसे सुबह नीम्बू - पानी दिया पीने को, और उसने पिया, बुआ ने पूछा  कैसा लग रहा है,लड़का बोला अच्छा लग रहा है, ऐसा बोलते ही बुआ ने उसके दोनों गालों में  थप्पड़ों की बरसात कर दी, और उसको कुत्ता - कमीना, साला, गाली दी, थप्पड़ खाकर उसकी खुमारी उतर गई, बुआ ने बोला इसीलिए रु मांगे थे तूने, ऐसे अपनी ज़िन्दगी बनाएगा, वो तो भला हो उन लड़को का जो तुझे घर तक ले आये, इतने में लड़का बोला क्या भला हो, उन्ही दोनों के साथ तो पी थी मैंने, बुआ ने उसे बहुत मारा, और बोला ये सब करने के लिए ही गाऊँ से तुझे लेके आई, तेरे घर वालों को पता चलेगा तो मुझे ही दोष देंगे, इतने में लड़का बोला बुआ गलती हो गयी  माफ़ कर दो, अब कभी  ऐसा नही करूँगा, और मम्मी - पापा को मत बताना, बुआ ने बोला ठीक है, लेकिन ये बता तूने इस गलती से क्या सीखा, लड़का बोला " रु 500 में ज़िन्दगी नही बनती है, इसीलिए आप कल मुझे  1000 रु देना, बुआ ने बोला क्यों? लड़का बोला कल फिर से नयी ज़िन्दगी बनाऊंगा। बुआ कुछ नही बोली।सिर्फ उसे देखती ही रह गई।    

Saturday 4 July 2015

निवेदन है कि ये मैसेज ज़रूर पढ़ें-


आजकल एक बड़ा खतरनाक प्रचलन चला है हिन्दुओं में, वह यह कि जैसे ही कोई त्यौहार आने वाला होता है, खुद हिन्दू ही उस त्यौहार को ऐसे पेश करते हैं जैसे वो उनके ऊपर बोझ है :

1) रक्षाबंधन पर मूर्खता :
कुछ हिन्दू ऐसे मैसेज भेजते हैं कि ||कोई भी अनजान चीज को हाथ नहीं लगाये, उसमें राखी हो सकती है !! ||

अरे कूल dude !! तुम्हारे लिए अपनी बहन बोझ बन रही है?? तुम तो राखी का मज़ाक़ बना बैठे हो, तुम क्या अपनी माँ बहन की रक्षा करोगे? राखी एक रक्षा सूत्र है, अगर तुम भूल रहे हो तो याद दिलाऊँ राजस्थान में औरतें अपनी रक्षा के लिए जोहर कर आग में कूद जाती थी।

रानी पद्मिनी के साथ 36000 औरतें जोहर हो गयी थीं। एक महिला की रक्षा मज़ाक लगती है???

2) दशहरा पर मूर्खता :
यह मैसेज आजकल खूब प्रचलन में है कि || रावण सीता जी को उठा ले गया है और राम जी लंका पर चढ़ाई करने जा रहे हैं, उसके लिये बंदरो की आवश्यकता है, जो भी मैसेज पढ़े तुरंत निकल जाये ||

वाह!!! आज सीता अपहरण हिन्दुओं के लिए मज़ाक़ का विषय हो गया है। जोरू का गुलाम बनना गर्व का विषय और राम का सैनिक बनना मज़ाक़ हो रहा है!!!

दूसरा जोक || रावण को कोर्ट ले जाया गया व कहा गया कि गीता पर हाथ रख कसम खाओ तब रावण कहता है सीता पर हाथ रखा उसमें इतना बवाल हो गया, गीता पर रखा तो......||

यह बड़े शर्म की बात है कि अग्नि परीक्षा देने के बाद भी आज हिन्दू सीता माता के चरित्र पर सवाल उठाने को मज़ाक़ समझते हैं। कभी अपनी माता के बारें में ऐसे मज़ाक़ उड़ाया? अगर नहीं तो तुम्हें किसने हक दिया समस्त हिंदुत्व की माता पर हाथ रखने को मज़ाक़ बनाने का ????

एक हमारा मीडिया पहले ही हिन्दू त्यौहारों के पीछे पड़ा है-
होली पर पानी बर्बाद होता है लेकिन ईद पर जानवरों की क़ुरबानी धर्म है!

दिवाली पर पटाके छोड़ना प्रदूषण है पर ईसाई नव वर्ष पर आतिशबाजी जश्न है!

नवरात्री पर 10 बजे के बाद गरबा ध्वनि प्रदूषण हो जाती है, वहीं मोहरम की रात ढोल ताशे कूटना और नववर्ष की रात जानवरों की तरह 12 बजे तक बाजे बजाना धर्म है!!!

करवा चौथ और नाग पंचमी पाखंड है वहीं ईसा का मरकर पुनः लौटना गुड फ्राइडे वैज्ञानिक है!!

हिन्दुओं को यह लगता है कि अपने पर्व का मज़ाक़ बनाना सही है तो इससे बड़ी लानत क्या होगी??

हम राखी और सीता अपहरण पर मज़ाक़ करते हैं, इसके पीछे समाज की मानसिकता बनती है। लोग लड़की की रक्षा से कतराते हैं , क्योंकि राखी को हमने मज़ाक़ बना दिया है, हमने सीता माता जैसी पवित्र माँ का मज़ाक़ बना दिया है। इससे पता चलता है हम कितने धार्मिक हैं!

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हिन्दू धर्म की विडंबना देखिए :-

जन्माष्टमी आयी तो श्री कृष्ण को टपोरी तडीपार और ना जाने क्या-क्या कहा!

गणेश जी आये तो उनका भी मज़ाक़ बनाया!

नवरात्रि आयी तो ये चुटकुला आया "नौ दिन दुर्गा-दुर्गा फिर मुर्गा-मुर्गा..."

विजयादशमी पर श्री राम-माता सीता और रावण पर चुटकुले चले!

अब होली पर भी कुछ आ जायेगा!

कभी सोचा है ओरिजनली कौन ये सब पोस्ट कर रहा है??? ये कभी किसी ने भी जानने की कोशिश नहीं की.. बस अपने मोबाइल पर आया तो बिना सोचे समझे फॉरवर्ड करने की वही भेड़ चाल चालू..!!
इस तरह के मैसेज बनाने वाले जानते हैं कि हम हिन्दू अपने धर्म को लेके सजग नहीं हैं और एडवांस्ड दिखने के चक्कर में कुछ भी फॉरवर्ड कर देंगे. तभी ये ऐसे मैसेज बनाकर सर्कुलेट करते हैं!!

किसी और धर्म के लोगों को उनके धर्म के जोक्स पढ़ते या फॉरवर्ड करते देखा है?? उनको तो छोड़ो, आप भी उनके के जोक्स फॉरवर्ड करने से पहले 10 बार सोचते हो कि किसको भेजूँ-किसको नहीं?? तो हिन्दू धर्म का मज़ाक़ उड़ाते शर्म नहीं आती..??

मेरा क्रमबद्  निवेदन है कि अपने हाथों से अपने धर्म का अपमान ना करें..🙏