Wednesday 22 April 2015

निर्धारित लक्ष्य

एक बार एक ‪#‎किसान_के_पास_एक_कुत्ता‬ था, प्रतिदिन वह कुत्ता रोड के किनारे बैठ जाता और वह से गुजरने वाली हर ‪#‎मोटर_गाड़ी‬ पे भोंकता और कभी कभी दौड़ कर उन गाड़ियों से आगे निकलने की कोसिस भी करता, ऐसा करते हुए उसे काफी दिन बीत गए, एक दिन उस किसान के एक पडोसी ने कुत्ते की इस हरकत को देखा तो किसान से पूछने लगा की ' क्या तुमको लगता है इस तरीके से ये किसी गाड़ी को पकड़ भी पायेगा?', तो इस पर‪#‎किसान_ने_हंस‬ कर कहा मुझे उसकी चिंता नही की ये गाडी को पकड़ पायेगा या नही, बल्कि मुझे तो चिंता इस बात की है अगर इसने किसी गाडी पकड़ भी लिया तो करेगा क्या ?
‪#‎मित्रों_अगर_आपने‬ भी अभी तक अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित नही किया है, और अवसरों की प्रतीक्षा करते हुए हर अवसर के पीछे भागते है तो आपकी हालत निष्चय ही उस ‪#‎किसान_के_कुत्ते‬ जैसी हैं. ‪#‎लक्ष्य_निर्धारित‬ करके उस दिशा में किया गया प्रयास ही इंसान को सफलता की और लेके जाता है वरना कड़ी मेहनत तो गधे भी करते हैं...
मित्रों अगर आपको ये लेख अछा लगा तो मुझे इनबॉक्स करके अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें... आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए प्रोत्साहन और प्रेरणा का कार्य करेगी.

दोस्तों आज गजेंद्र के घर मे शादी थी

दोस्तों आज गजेंद्र के घर मे शादी थी ...उसकी बहन की .....
उसके घर-परिवार की महिलाओं से यह समाचार छुपाया गया है । ताकि घर मे बेटी की विदाई मे मातम ना पसर जाए । मीडिया वालों को गाँव से 2 किलोमीटर दूर ही रोक दिया गया है ।
ये आत्महत्या नहीं है .... सीधे सीधे हत्या है ..... ‪#‎केजरीवाल‬ और ‪#‎AAP‬ के नेता चाहते थे ये बंदा फाँसी लगाए ... ताकि रैली की TRP बढ़े ..... नाटक पूरे दो घंटे तक चलता रहा ...‪#‎आप‬ पार्टी के नेता भाषण देते रहे .... गजेन्द्र की सुसाइड नोट को ‪#‎KumarVishwas‬पढ़कर सुनाता रहा .पर जब वो सचमुच मे फाँसी पर झूल गया तो भी ‪#‎Kejriwal‬ का भाषण फिर भी चलता रहा । पर उस गरीब को बचाया किसी ने नहीं ....
गजेन्द्र की चिट्ठी मे लिखा है उसे पिता ने फसल बर्बाद होने पर घर से निकाल दिया ..... क्या ऐसा होता है की दैवी प्रकोप से बर्बाद फसल की बजह से कोई बाप अपने बेटे को घर से निकाल दे ?
क्या जिसके घर शादी हो वो राजस्थान से भाग दिल्ली के रैली मे ख़ुदकुशी करने अपनी मर्ज़ी से आएगा ?? आखिर वो रैली मे ही क्यों आया ?
.
2:55 बजे मरने वाले गजेन्द्र की मौत की खबर ‪#‎AlkaLamba‬ ने 2:20 बजे कैसे दे दिया ? क्या अल्का के पास दिवि दृष्टि है ?
.
यह सोची समझी शजिस से की गयी हत्या है ....इसे कोई अत्महत्या का नाम ना दे .... आज रियल लाइफ पिपली लाइव मे आज नत्था की हत्या कर दी गयी ।
दुखद .... शर्मनाक राजनीति .... ‪#‎KillerKejriwal‬
:- आपका दोस्त #

Monday 20 April 2015

पुराना अच्छा वक़्त

कल शाम से ही बड़ा अजीब सा महसूस हो रहा था, जब आपको किसी की बहुत ही ज्यादा याद आती है तो आपके सामने २ समय होते हैं, 
पुराना अच्छा वक़्त जो आप उसके साथ बिता चुके या अभी वाला जिसमे एक निर्वात है और आप अकेले खड़े जिंदगी के चौराहे पे ये सोचते हुए चल रहे हैं की किधर जाये,
इस समय एक ऐसा loop बनता है की आप गोल गोल घूमते हैं, एक ऐसा communication गैप आ जाता है की आप ये सोचते हैं की आप उसे परेशान कर रहे हैं और उसे लगता है की वो आपको, जाहिर सी बात है,
आज सालों बाद बात हुई, एक टाइम ऐसा था एक घंटे भी हो जाता बिना उसका मैसेज आये तो लगता ही नहीं था की वो है जिंदगी में, आज तो इतना सन्नाटा है जीवन में की उसकी आवाज़ छोडो मैसेज भी कीमती लगी, खैर आज की बात और पहले की बात में बहुत अंतर है, 
पहले जहाँ इस बात पे लड़ लेते थे की मैसेज क्यों नहीं किया और आज, तो बस अस्तित्व की लड़ाई है, 
ये अस्तित्व, ego का बड़ा अजब सा खेल है, मुझे आज भी याद है की हमारे बाबू जी बोलते थे की, बेटा ego सही जगह लगे तो कमाल है नहीं तो बवाल है, आज कल यही है, 
पहले जहाँ ऐसे ही कुछ भी बोल देते थे, न जाने कितनी बेवकूफी भरी बातें...
आज लगता है की बेवकूफियां भी कितनी कीमती होती हैं, 
बात ५ साल पहले की हैं, आज भी अच्छे से याद है वो दिन, उसके थप्पड़ से शुरू हुई थी हमारे बाते और मुस्कुराकर ओह्हो....यही कहा था उसने.
मन में ये भी था कहीं उसको ये न लगे की कुछ ज्यादा ही फ्रैंक हैं या खली बैठे हैं, जबकि हालत यही थी, उसके हर मैसेज का इंतज़ार करना, किसी भी टाइम मोबाइल अकेला न छोड़ना यही सब लगा रहता था, वही उसको भी ऐसा लगता था, एक अच्छा इमेज बना रखा था की लड़का पढ़ने वाला है, व्यस्त रहता है लेकिन उसको कौन समझाए की उसके लिए तो न तब व्यस्त थे न आज हैं, हमेशा से उससे वैसे ही बात हुई जैसे पहले, हाँ अब गुस्सा बहुत है लेकिन गुस्सा रह भी नहीं पाता...
आज कहना बस इतना ही है की ये लड़का भी दिल रखता है, शायद जीना जानता है, तुम्हे समझता है, हाँ थोड़ा अजीब है लेकिन प्यार भी अजीब सा करता है, सांस लेना भुला नहीं है, तुमको आज भी वैसे ही महसूस करता है जैसे पहले, 
पहले और अब में बस अंतर है की अब पैरों से मिटटी कुरेदता है, पन्नों पे हथेली की तपिश ढूंढता फिरता है।

कॉलेज का आखरी हफ्ता

दो साल पहले की बात है, कॉलेज का आखरी कुछ हफ्ता चल रहा है। कैंपस काफी बड़ा है तो सोचा आज कुछ उन जगहों को खोजा जाये जो व्यस्तता के कारण अनदेखी रह गयी हैं। 
आशिक़ों का तो आप जानते हैं, बंदी से बतियाने में ऐसी ऐसी जगह खोज निकलते हैं की जहाँ मानव , चाँद पे तो पहुच सकता है लेकिन वहां नहीं।
खैर, मैं कान में earphone लगाये चले जा रहा था। 
आप कभी सोचियेगा, कुछ जगहों में आप आपनी यादें छोड़ आते हैं, वैसी ही संभाली हुई और यकायक अगर आप उधर से गुज़रें तो वो याद वैसे ही ताज़ा होके आपके सामने आएगी भले ही सालों पुरानी क्यों न हो।
आप वहां पर सब कुछ जिवंत देख सकते हैं। सब कुछ वैसे ही चलता हुआ, बात करता हुआ, और आप समय के इस मुहाने पे खड़े होक वो सब चलता हुआ देख सकते है, महसूस कर सकते हैं पर छू नहीं सकते और न ही फिर से वो जी सकते हैं।
ऐसा ही कुछ हुआ जब साइकोलॉजी-लैब के पास पंहुचा। ये वो गली हुआ करती थी जहाँ से हम जाने कितनी बार गुज़रे। और हर बार कुछ न कुछ यादों के टुकड़े वही गिरा आये।
आज सुबह जब वहां से गुज़रा तो सोचा, याद नहीं करना चाहा लेकिन मुझे एक भगोड़े अपराधी की तरह पकड़ लिया गया मेरे कमज़ोर क्षण में।
मैं भी बस वो पल सिनेमा की तरह चलता देख रहा था अपने अंतर्मन में, यहीं सामने कक्षा में दोस्तों के साथ पढ़ना, उनका हँसना, मेरा सबको हँसाना और वो सब शरारतें जो कभी सुकून देती थी।
आज भी लाइट वैसे ही जल रही थी, शायद मुझे याद कर रही थी। मै एकटक देख रहा, आज कुछ ज्यादा तेज़ था उसका प्रकाश, झेला नहीं जा रहा था, आँखें जल सी रही थीं, कबूतर आज भी गलियारे में फसे हुए मिले.
वापस आ गया फिरसे उन यादों के टुकड़े वही गिरा के, शायद सालों बाद फिर कभी उठाने जाऊ
बीते दिन के साथ धुमिल होता अतीत
पर नही मिटती कुछ यादें जो जेहन में बस गयी है
आ जाती है मानस पटल पर मुस्कुराने की वजह बनकर.



RAVI

Friday 17 April 2015

उपयोगी संस्कृत श्लोक






1 . कश्चित् कस्यचिन्मित्रं, न कश्चित् कस्यचित् रिपु:
अर्थतस्तु निबध्यन्ते, मित्राणि रिपवस्तथा


                                                                                                अर्थात 

                                   न कोई किसी का मित्र है और न ही शत्रु, कार्यवश ही लोग                                             मित्र और शत्रु बनते हैं॥

                                       

                                                 
                                               2 . संरोहति अग्निना दग्धं वनं परशुना हतं ।
वाचा दुरुक्तं बीभत्सं न संरोहति वाक् क्षतम् ॥

अर्थात 
भयानक आग से नष्ट हुए वन या फिर कुल्हाडियों से काटे गए वन में भी धीरे-धीरे पेड़-पौधे उगने लगते हैं, लेकिन अप्रिय और कटु वचनों से दिए गए घाव कभी नहीं भर पाते हैं ।  

source:-  http://www.hindisahityadarpan.in/2013/09/subhashit-about-harsh-Inappropriate-words-saskrit-shloka.html#ixzz3Xb0GF0xV 

Saturday 11 April 2015

गीता

गीता में दिए गए 16 शक्तिशाली उद्धरण पूरी तरह से आपका दृष्टिकोण बदल देंगे। आपका जीवन को देखने का नजरिया बदल जाएगा


                                                       
1. दूसरों के बारे में सोचने से बेहतर है आप अपना काम करें। आप अपना काम बेहतरी से करें की दूसरा इंसान क्या काम कर रहा है इस विषय पर सोचने की बजाय आप अपना काम कैसे बेहतर कर सकते हैं। इस पर बल दें। दूसरा जो काम कर रहा है वो उसके कर्म हैं, पाप नहीं है। आप अपने कर्म करें।
2. नरक में जानें के तीन रास्ते हैं लालच, गुस्सा और हवस
3. कर्म करो फल की इच्छा न करें क्योंकि कर्म हमेशा फल से अच्छा ही होता है।
4. क्या हुआ था? क्या हो रहा है? क्या होगा? आप कभी भी अपने बीते हुए कल को ठीक नहीं कर सकते और आने वाले भविष्य को कभी देख नहीं सकते। केवल चिन्ताएं कर सकते हैं। वर्तमान में क्या हो रहा है। उस पर ध्यान दें भविष्य में नहीं वर्तमान में जिएं।
5. जो आपके जीवन में हो रहा है आप उसे नहीं बदल सकते। जीवन और मृत्यु के बीच में जो अंतर है उसे आंका नहीं जा सकता। मौत और जीवन के बीच में थोड़ा हीफर्क है। बस एक सोच है ये दोनों और इसे हम भोगते हैं। आपका मन बहुत छोटा भी है और बड़ा भी है उसी के द्वारा ही विचार उत्पन्न होते हैं। सार बस ये है कि सब कुछ आपका है और आप सब के हो।
6. यह शरीर आपका नहीं है और न ही आप शरीर के हो। यह शरीर पंच तत्व का है इसी से ही बना है इसमें ही समा जाएगा। आत्मा आपकी है विचार करो आप कौन हो ?
7. डरो मत यह मत सोचो क्या हुआ था? क्या हो रहा है? क्या होगा? असलियत क्या है? सच्चाई कभी नहीं मरती।
8. आदमी अपने विश्वास से बनता है विश्वास है तो आप हो।
9. क्रोध सारी समस्याओं की जड़ है। मन हमेशा इर्ष्या और चिन्ता से भरा रहता है। जो आपके विचार हैं वो आपके दिल और दिमाग को व्यग्र कर देते हैं। आप तभी शांत हो सकते हो जब इन विचारों को अपने दिमाग से निकाल कर नष्ट कर दो।
10. अपने काम के प्रति अपने व्यवहार को सुनिश्चित रखें। आपको किससे संतुष्टि होती है। अपने काम को ईमानदारी से करें यही खुशी का रहस्य है।
11. यह दुनिया आपकी नहीं है न ही आप इस दुनियां के हो फिर अपनी खुशियों को दूसरों में क्यों दूंढ रहे हो?
12. हमेशा सच्चाई बोलिए तो आपको लाभ होगा किसी को दुख देने वाली वाणी का त्याग करें।
13. संसार के सभी पदार्थों का अव्यक्ता से आरंभ होता है। जो विचार हमारे भीतर आते हैं उन्हें यह अव्यक्ता अपने काबू में करके नाश कर देती है। तो फिर हमें क्या अवश्यकता है कुछ अधिक विचार करने की।
14. खुशी से जीना हो तो अपनी इच्छाओं का नाश कर दो।
15. कर्म आपकी काबलियत को दर्शाते हैं।
16. खुशी आपके अंदर है यह हमारे दिमाग की एक सोच है यह बाहरी दुनिया में नहीं मिलेगी।
जय श्रीकृष्ण

Tuesday 7 April 2015

कांग्रेस के कुछ नौजवान मित्रो ने घोटाले में लूटा है उसमे से 15 -15 लाख जनता को बाँट रहे हैं

पिछले दिनों मैंने जंतर-मंतर पर कांग्रेस के कुछ नौजवान मित्रो द्वारा भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक प्रदर्शन होते हुए देखा।मै भी वहां से गुजर रहा था तो कुछ 15 लाख-15 लाख की आवाजे आई। मैं सच में इतना खुश था कि मुझे लगा की मेरे कांग्रेस के भाई जो पिछले 10 सालो से 17,000,0000000 करोड़ रूपये CWG घोटाले में , 1,76,000,0000000 2G घोटाले में और 1,86,000,0000000 करोड़ रूपये जो कोयला घोटाले में लूटा है उसमे से 15 -15 लाख जनता को बाँट रहे हैं , लेकिन यहाँ तो मामला कुछ और ही नजर आया की वो देने की बजाय मांग रहे थे , मुझे लगा कही वो मुझे न पकड़ ले इसलिए जल्दी से वहां से चल दिया। घर आया सोशल मीडिया चालू किया तो हैरानी भी और ख़ुशी भी , हैरानी इसलिए की ट्विटर पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 15 लाख रूपये उसी तर्ज पर मांग रहे थे , और ख़ुशी इसलिए की आज जहां सभी राजनैतिक पार्टिया एक दूसरे से लड़ रही है आप और कांग्रेस कितनी एकता के साथ इस लड़ाई को लड़ रही हैं।
अब 15 लाख तो मुझे भी चाहिए थे तो मैंने सोचा चलो कुछ रीसर्च कर लेते है की आखिर 15 लाख का मामला हैं क्या ? लेकिन रिसर्च करने पर जो पता चला उसे मुझे लगता है आप सब से शेयर करना चाहिए ताकि कोई केजरीवाल और कोई राहुल गांधी अगर आपके सामने 15 लाख की बात करे तो कम से कम आप भी उसे जवाब दे सके। सबसे पहले तो मै प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को बधाई देना चाहता हूँ की मोदी सरकार के 10 महीने बीत जाने के बाद भी अगर सरकार के खिलाफ कोई प्रदर्शन हो रहा है तो वो राहुल गांधी और केजरीवाल द्वारा रचे हुए झूठ और पाखंड के ऊपर हो रहा है , सरकार के किसी भ्रष्टाचार ,किसी घोटाले को लेकर नही हो रहा। 1 साल पहले जिस देश में हम आँख खोलते ही ,टीवी न्यूज़ लगाते ही, अख़बार खोलते ही और हमारी सुबह की नींद ही हजारो-लाखो करोड़ के घोटालो की खबर की से होती थी उस देश में हमने पिछले 10 महीनो में किसी घोटाले का नाम नही सुना और उसके लिए वाकई सरकार बधाई की पात्र हैं।
अब बात करते हैं 15 लाख रूपये की तो ये ठीक उसी तरह का झूठ हैं जिस तरह का झूठ कांग्रेस ने पिछले 13 साल तक अटल जी के राजधर्म वाले वाक्य को लेकर फैलाया और 13 महीनो में केजरीवाल ने गैस के दामो को लेकर फैलाया। मुझे लगता है जब बात खुली है तो इन सब पर भी चर्चा हो ही जानी चाहिए जो झूठ कांग्रेस और आप द्वारा पूर्व में नरेंदर मोदी के खिलाफ फैलाये गए। 2002 के गुजरात दंगो के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के एक बयान को आज तक इस तरीके से पेश किया जाता है की गुजरात दंगो में वाजपेयी जी ने मोदी जी को राजधर्म निभाने की नसीहत दी थी। जबकि अगर आप अटल जी का पूरा बयान सुने( https://www.youtube.com/watch?v=x5W3RCpOGbQ ) तो वो यह था की इस तरह के हालात में किसी भी राजा के लिए शासक के लिए पहला नियम है की वो राजधर्म का पालन करे और मुझे विश्वास है की नरेंद्र भाई भी वही कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के मित्रो द्वारा पिछली पंक्ति जिसमे अटल जी ने कहा था की मुझे विश्वास है की नरेंद्र भाई भी वही कर रहे हैं को काट के बाकी बयान को 13 साल तक नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस्तमाल किया गया (https://www.youtube.com/watch?v=BmiRiguRPxQ ) , उनपर कीचड़ उछाला गया।

ठीक इसी तरीके का झूठ अरविन्द केजरीवाल द्वारा लोकसभा चुनावो के दौरान नरेंद्र मोदी के खिलाफ फैलाया गया की नरेंद्र मोदी अम्बानी के दलाल हैं और नरेंद्र मोदी अगर प्रधानमंत्री बन गए तो गैस के कुए जो अम्बानी के पास है जिसने सरकार गैस खरीदती हैं ,जिसकी कीमत कांग्रेस ने 4.2 डॉलर प्रति यूनिट से बड़ा कर 8 डॉलर प्रति यूनिट कर दी है कर दी हैं अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए तो गैस के दाम को 16 डॉलर प्रति यूनिट कर दिया जायेगा ( https://www.youtube.com/watch?v=9jhqbq30kOo ) और देश में महंगाई कई गुना बड़ जाएगी। खैर वो झूठ केजरीवाल का चला नही और नरेंद्र मोदी की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी। और सरकार बनने के 10 महीने बाद नरेंद्र मोदी उन दामो को 8 डॉलर प्रति यूनिट से फिर से पुराने दामो के लगभग करीब 4.66 डॉलर प्रति यूनिट ले आये ( http://economictimes.indiatimes.com/…/articles…/46764852.cms )
अब चुनावो के बाद विपक्ष का काम होता है की सरकार के काम में अगर कोई भ्रष्टाचार हो रहा है , घोटाला हो रहा है, कोई गलत काम हो रहा है तो उसे उजागर कर के जनता के सामने लाना , लेकिन जब कुछ न मिले तो कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा ताकि जिस से जनता को लगे विपक्ष कुछ कर रहा है तो इसलिए कांग्रेस (https://www.youtube.com/watch?v=_dGdZam8870 ) और आम आदमी पार्टी (http://indiatoday.intoday.in/…/prime-minister…/1/398045.html ,http://aamaadmiparty.org/mann-ki-baat ) द्वारा मिलकर एक झूठ फैलाया गया की नरेंद्र मोदी ने चुनाव जितने पर काला धन वापिस लाकर हर भारतीय के बैंक कहते में 15-15 लाख रूपये जमा कराने की बात कहीं थी और वो पैसा सब एकाउंट्स में कब जमा होगा। चलिए हम मानते है की कांग्रेस ने तो इस देश को 60 साल से लूटा हैं उनकी सारी राजनीती ही झूठ और फरेब से चालू होती हैं लेकिन क्या उन अरविन्द केजरीवाल को जो अपने को ईमानदारी की राजनीती का प्रतीक बताते है को सरकार की तारीफ नही करनी चाहिए थी की जिस SIT को कांग्रेस की केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश और फटकार के बावजूद पिछले 3 साल से रोककर रखा था मोदी सरकार ने आते कैबिनेट बैठक में SIT का घटन किया , लेकिन केजरीवाल जी ने इस ईमानदार प्रयास की तारीफ करने के बजाय कांग्रेस के झूठ के साथ मिलकर राजनीती करना ज्यादा बेहतर समझा। नरेंद्र मोदी के उस बयान को कांट-छांट के आधा अधूरा दिखाया। जबकि नरेंद्र मोदी का पूरा बयान ये था की आज विदेशो में जितना भी काला धन हैं अगर वो वापिस आ जाये तो हर भारतीय के 15 लाख बनते है , उन पैसो पर देश के लोगो का अधिकार हैं अगर वो पैसा वापिस आता है तो उन पैसो को देश के विकास के लिए इस्तमाल किया जाएगा (https://www.youtube.com/watch?v=rHPcapJqbQk ) लेकिन नरेंद्र मोदी के इस बयान को आधा अधूरा काटा गया और काटा ही नहीं गया बल्कि ये पंक्ति अपने आप जोड़ दी गयी की नरेंद्र मोदी ने कहां था की आपके बैंक खाते में 15 लाख रूपये जमा कराएँगे , ये विडिओ आपके सामने है क्या इसमें कही नरेंद्र मोदी ने यहाँ किसी बैंक खाते में 15 लाख रूपये जमा करने की बात कही हैं और अगर कही और हो तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी वो विडिओ लेकर आए मैं सभी कांग्रेसियों और आप कार्यकर्ताओ के खाते में 15 लाख रूपये जमा कराने की जिम्मेदारी लेता हूँ। और ये बहाना मै नही चलने दूंगा की विडिओ उनके पास उपलब्ध नही है अगर विडिओ उनके पास नही है तो मै उन्हें बताना चाहता हूँ की हर राजनेनिक रैली की रिकॉर्डिंग इलेक्शन कमीशन कराता है , जाइये और इलेक्शन कमीशन से वो विडिओ निकलवाइये और जारी कीजिये और अगर जारी न कर पाये तो माफ़ी मांगिये।
मोदी जी द्वारा उदहारण के तौर पर ये बताने के प्रयास को की जितना काला धन विदेशो में है वो कितना बड़ा है के अर्थ को अनर्थ कर दिया गया। बार-बार झूठ फैलाया गया। जैसे पहले हम आम बात चित की भाषा में कहते थे की आज भारत पर इतना कर्ज है की पैदा होते हर बच्चे पर 20,000-25,000 कर्ज चड़ जाता है तो क्या पैदा होते हर भारतीय को 20 हजार 25 हजार कर्ज चुकाना पड़ता था क्या ? और आम बातचीत ही क्यों मिडिया में इसे आम भाषा में समझाने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग करती रही है। उद्धारण के तौर पर ये लेख देखिये "पैदा होते ही 33 हजार का कर्जदार बन जाता है भारतीय बच्चा"-IBN7 http://khabar.ibnlive.in.com/news/73298/7/ ये लेख 2012 का हैं और उस न्यूज़ चैनल से हैं जहां आज के आम आदमी पार्टी के नेता श्री आशुतोष उस न्यूज़ चैनल के संपादक थे, जब ये लेख प्रकाशित किया गया था ।

खैर ये राजनीति हैं इस तरह के झूठ आगे भी फैलाये जायेंगे और मुझे पूरी उम्मीद है नरेंद्र मोदी उतनी ही ताकत से इन झूठे आरोपों को परास्त करते हुए आगे बढ़ेंगे जितनी ताकत से वो पिछले 13 सालो में बड़े हैं।
 source:-

बाबा Solution दास जी महराज के देसी सत्य वचन

Monday 6 April 2015

आखिर दिल्ली वालों को इतना गुस्सा आता क्यों है?


दिल्ली के लोगों का पारा हमेशा चढ़ा रहता है, जरा सी बात पर मरने - मारने पर आ जाते हैं। एक आदमी अपने दो बच्चों के साथ अपनी bike  से जा रहा था, उसकी bike से आगे जा रही कार की बोनट पर  हलकी सी टक्कर लग गयी,  फिर क्या था कार वाला बाहर निकला और उसने बाइक वाले को पीटना शुरू कर दिया,बाइक वाले के बच्चे अपने पिता को पीटते दख रहे थे, इसके सिवा वो कर भी क्या सकते थे। उन्होंने वहाँ  खड़े लोगों से मदद मांगी किन्तु कोई भी उनकी मदद को आगे नही आया, जैसे कोई तमाशा चल रहा हो, ऐसे खड़े होकर देख रहे थे। पास में ही एक पुलिस वाला बच्चो को दिखा बच्चे तुरंत उसके पास गए और अपने पापा को बचाने को कहा। पुलिस वाले ने ऐसा व्यहार किया जैसे कुछ हुआ ही न हो, बच्चों ने अपने पापा की और देखा तो वहां कार वाले के और भी साथी मिलकर उनके पापा को जानवरों की तरह मार रहे थे। इतना मार खाने के बाद उस आदमी ने प्राण त्याग दिए, इसी के साथ दिल्ली में वो आदमी Road Rage का शिकार बना, ये कोई पहला मामला नही है ऐसे हादसे हज़ारों बार दिल्ली की सडकों पर हो चूके हैं। जहाँ पर हादसा हुआ वह इलाका cctv के नज़रों में था और वहां से पुलिस चौकी मात्र 50 मीटर की दूरी पर है फिर एक आदमी को नही बचा सके। मेरे ख्याल से दिल्ली के लोग मानसिक बीमारी वाले लोग हैं जो हमेशा तनाव में रहते हैं और मामूली बात पर किसी भी आदमी को मार देते है, मेरे विचार से शायद वहां का Environment ही ऐसा होगा। इतना ट्रैफिक हर जगह शोर शराबा तो दिमाग तो गर्म होगा ही, दिल्ली वालों गर्मियां आ गयी कृपया  अपना भेजा ठंडा रखें। उस आदमी की मौत का जिम्मेदार कौन है ये आपको खुद हे समझना है.