Thursday 3 December 2015

चेन्नई बाढ़ त्रासदी से तो कुछ सीख लो



विकास के नाम पर अंधाधुन्द निर्माण कार्य, निर्माण कार्य भी ऐसा की बरसात के पानी निकासी के लिए जगह ही न हो, लगभग 100 साल बाद चेन्नई में ऐसा मंज़र देखने को मिला। पूरा शहर पानी - पानी हो रहा है। इसकी एक वजह है पानी निकासी की अच्छी सुविधा न होना, अगर सही Rain draining system होता तो कहीं हद तक इतनी भयानक स्थिति न होती, इसके लिए हम लोग भी जिम्मेदार हैं, विकास के नाम पर बरसात के पानी के लिए जगह न छोड़ना इसकी बड़ी वजह है , जब कोई हादसा होता है तभी सरकार नींद से जागती है, देश के कई बड़े शहरों की भी यही हालत है, थोड़ी सी बरसात में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है , जम्मू - कश्मीर, मुंबई ये भी इस त्रासदी को झेल चुके हैं। फिर भी सबक नही लिया, अगर बात दिल्ली के करें तो  सी बारिश में सड़कों पर बाढ़ जैसा दृश्य दिखाई देता है, अगर कभी दिल्ली में चेन्नई जैसी बारिश हुई तो क्या होगा ? इसीलिए सरकार और लोगों को मिलकर इस बारे में सोचना होगा। हम प्राकर्तिक आपदा को रोक तो नही सकते लेकिन उससे होने वाले नुकसान को कम तो कर सकते हैं। सरकार को Rain draining system पर ध्यान देकर देश के सभी नगरों
और महानगरों में इसकी सही व्यवस्था करनी होगी ताकि फिर चेन्नई जैसी घटना भविष्य में न के बराबर हो। 



चेन्नई बाढ़ त्रासदी में मरने वालों की आत्मा को शांति मिले। और जल्द ही वहां स्थिति सामान्य हो जाए , यही मेरी भगवान से प्रार्थना है।   

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