Monday 6 July 2015

बुआ 500 रु दो अपनी ज़िन्दगी बनाता हूँ



By- Arahan singh dhami

Note:- ये सब कालपनिक है, ये व्यंग्यात्मक लेख है। 








एक लड़का जिसकी उम्र 16 - 17 साल होगी अपनी बुआ के साथ शहर में रहता था, उसकी बुआ रिटायर्ड टीचर थी, और उस लड़के को गाऊँ से शहर पढ़ाने के लिए लायी थी, क्योंकि गाऊं में अच्छा स्कूल नही था, गाऊँ के ज्यादातर बच्चे भी गाऊँ छोड़कर शहर में पड़ने आ गए थे, इसीलिए उस लड़के के बुआ उसको शहर ले आई।        6 - 7 महीने तो वो लड़का आज्ञाकारी बन कर रहा, उसने अपनी बुआ का भरोसा  जीत लिया था, उसकी बुआ को लगने लगा की वो सीधा - साधा और होशियार लड़का है, लेकिन उसकी बुआ को क्या पता था जिसको वो सीधा - साधा सोच रही है, उसे शहर की हवा लग चुकी है, एक  दिन उस लड़के ने अपनी बुआ से कहा- "बुआ मुझे 500 रु दो मैं अपनी ज़िन्दगी बनता हूँ", उसकी बुआ हँस कर बोली- बेटा 500 रु में कैसे ज़िन्दगी बनाएगा तू ? लड़का बोला बुआ में tution लगाउँगा और मेहनत करूंगा।  बुआ बोली बेटा 500 रु  में तो एक ही subject पड़ पायेगा, वो बोला बुआ मैंने सस्ता tution ढूंढ लिया है, 200 रु, मैथ्स के,  200 रु science के, और मेरे दोस्त का भाई  सिर्फ 100 रु में इंग्लिश का tution पढ़ाने को तैयार है, उसकी बुआ खुश हुई, सोचा आज के इस जमाने में 500 रु में तीन subject कौन पढ़ाता है, और उसकी बुआ ने उसे 500 रु दे दिए, उस दिन छुटटी का दिन था, लड़का बोला बुआ में आज से ही tution जाऊँगा, आज दिनभर पढूंगा और शाम को आऊंगा, इसीलिए आप चिंता मत करना, उसकी बुआ ने बोला ठीक है , और वो किताब और नोटबुक लेकर चला गया, जाने से  पहले उसने अपनी बुआ के पैर छुए, और बोला बुआ मुझे आशीर्वाद दो. बुआ बहुत खुश हुई,  बोली ऐसे ही मेहनत करना, आगे बढ़ना।  दिन गुजर गया, और दिन से रात हो गई, वो लड़का घर नही आया, उसके पास मोबाइल भी नही था, उसकी बुआ को चिंता होने लगी, वो दरवाज़े पर खड़े होकर गली में  दखने लगी, इंतज़ार करते-करते 11 बज गए वो लड़का  अभी तक नही आया, गली में  एक ही पोल लाइट जल रही थी, इतने में उसकी बुआ ने देखा कुछ परछाई गली की ओर आगे बढ़ते जा रही थी, नज़दीक आने पर देखा दो लड़के एक लड़के को सहारा देकर ला रहे हैं, उसकी बुआ ने सोचा कॉलेज के  लड़के होंगे जो दारु के नशे में हैं, ऐसा सोच ही रही थी की वो लड़के बुआ के पास आये, बुआ ने देखा जिसको सहारा देकर ये ला रहे थे वो, उसका भतीजा है, दोनों लड़के बोले आंटी संभालो अपने भतीजे को, बुआ ने पूछा क्या हुआ इसे, वो बोले दारु पीकर नाली में पड़ा था, और कुछ कुत्ते इसका मुँह चाट रहे थे, और हम इसको  यहाँ ले आये , बुआ ने उन लड़को को thank you बोला और अपने भतीजे को अंदर ले गई, लड़का होश में नही था,  बुआ को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था, और रोना भी, बुआ ने सोचा कल जब होश में आएगा तब बताऊँगी इसे। अगली सुबह बुआ ने उसे सुबह नीम्बू - पानी दिया पीने को, और उसने पिया, बुआ ने पूछा  कैसा लग रहा है,लड़का बोला अच्छा लग रहा है, ऐसा बोलते ही बुआ ने उसके दोनों गालों में  थप्पड़ों की बरसात कर दी, और उसको कुत्ता - कमीना, साला, गाली दी, थप्पड़ खाकर उसकी खुमारी उतर गई, बुआ ने बोला इसीलिए रु मांगे थे तूने, ऐसे अपनी ज़िन्दगी बनाएगा, वो तो भला हो उन लड़को का जो तुझे घर तक ले आये, इतने में लड़का बोला क्या भला हो, उन्ही दोनों के साथ तो पी थी मैंने, बुआ ने उसे बहुत मारा, और बोला ये सब करने के लिए ही गाऊँ से तुझे लेके आई, तेरे घर वालों को पता चलेगा तो मुझे ही दोष देंगे, इतने में लड़का बोला बुआ गलती हो गयी  माफ़ कर दो, अब कभी  ऐसा नही करूँगा, और मम्मी - पापा को मत बताना, बुआ ने बोला ठीक है, लेकिन ये बता तूने इस गलती से क्या सीखा, लड़का बोला " रु 500 में ज़िन्दगी नही बनती है, इसीलिए आप कल मुझे  1000 रु देना, बुआ ने बोला क्यों? लड़का बोला कल फिर से नयी ज़िन्दगी बनाऊंगा। बुआ कुछ नही बोली।सिर्फ उसे देखती ही रह गई।    

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