Monday 6 April 2015

आखिर दिल्ली वालों को इतना गुस्सा आता क्यों है?


दिल्ली के लोगों का पारा हमेशा चढ़ा रहता है, जरा सी बात पर मरने - मारने पर आ जाते हैं। एक आदमी अपने दो बच्चों के साथ अपनी bike  से जा रहा था, उसकी bike से आगे जा रही कार की बोनट पर  हलकी सी टक्कर लग गयी,  फिर क्या था कार वाला बाहर निकला और उसने बाइक वाले को पीटना शुरू कर दिया,बाइक वाले के बच्चे अपने पिता को पीटते दख रहे थे, इसके सिवा वो कर भी क्या सकते थे। उन्होंने वहाँ  खड़े लोगों से मदद मांगी किन्तु कोई भी उनकी मदद को आगे नही आया, जैसे कोई तमाशा चल रहा हो, ऐसे खड़े होकर देख रहे थे। पास में ही एक पुलिस वाला बच्चो को दिखा बच्चे तुरंत उसके पास गए और अपने पापा को बचाने को कहा। पुलिस वाले ने ऐसा व्यहार किया जैसे कुछ हुआ ही न हो, बच्चों ने अपने पापा की और देखा तो वहां कार वाले के और भी साथी मिलकर उनके पापा को जानवरों की तरह मार रहे थे। इतना मार खाने के बाद उस आदमी ने प्राण त्याग दिए, इसी के साथ दिल्ली में वो आदमी Road Rage का शिकार बना, ये कोई पहला मामला नही है ऐसे हादसे हज़ारों बार दिल्ली की सडकों पर हो चूके हैं। जहाँ पर हादसा हुआ वह इलाका cctv के नज़रों में था और वहां से पुलिस चौकी मात्र 50 मीटर की दूरी पर है फिर एक आदमी को नही बचा सके। मेरे ख्याल से दिल्ली के लोग मानसिक बीमारी वाले लोग हैं जो हमेशा तनाव में रहते हैं और मामूली बात पर किसी भी आदमी को मार देते है, मेरे विचार से शायद वहां का Environment ही ऐसा होगा। इतना ट्रैफिक हर जगह शोर शराबा तो दिमाग तो गर्म होगा ही, दिल्ली वालों गर्मियां आ गयी कृपया  अपना भेजा ठंडा रखें। उस आदमी की मौत का जिम्मेदार कौन है ये आपको खुद हे समझना है.

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