पहले बच्चे को स्कूल पढ़ाया, फिर B. TECH के लिए कोचिंग करवाई बेटे को अच्छे कॉलेज मे एड्मिशन मिल गया, हॉस्टल की फीस एडमिशन फीस कॉलेज फीस प्लस पॉकेट मनी अलग से , इंजिनीरिंग की डिग्री मिल गयी लेकिन नौकरी तो नहीं मिली पर छोकरी कॉलेज मैं ही मिल गयी , उसके ऊपर भी पैसा उड़ाया। हासिल कुछ नहीं हुआ, आखिर लकड़ी ने भी उसे बाबा जी का ठुल्लु दिया। माँ - बाप ने सोचा चलो डिग्री तो मिल गयी नौकरी भी मिल जायेगी। यही आस लगाकर माँ-बाप भी परलोक सिधार गये। लेकिन बेटे के लिए बैंक बैलेंस छोड़ गये। लड़के ने सोचा माँ-बाप के पैसे से अपना धंदा करूँगा।इसके लिए इन्जीनीरिंग डिग्री नहीं चलेगी M.B.Aकरना पड़ेगा। M.B.A भी किया डिग्री भी मिल गयी, लेकिन उसके माँ -बाप जो उसके लिए बैंक बैलेंस छोड़ गए थे वो तो B.Tech और M.B.A करने मे खत्म हो गया, जिससे कंपनी या कोई धंदा नहीं कर सकता , तो अब क्या ????
बाबा जी का घंटा होगा कुछ , फिर भेजा चला और मन में आया क्यों न गवर्नमेंट सर्विस की तैयारी करू , उसने तैयारी की फॉर्म्स भरे एक साल की ठुकान के बाद उसे नौकरी मिल गयी। बहुत खुश हुआ , लेकिन ध्यान आया इस सरकारी नौकरी के लिए उसने B.Tech and M.B.A किया,मात्र 500 का फॉर्म भर कर जब नौकरी करनी ही थी तो B.Tech and M.B.A क्या घंटा बजाने के लिए किया। The moral of the story is,जब 500 का फॉर्म भर कर नौकरी मिल रही थी तो इस चुतिया ने पहले ही ऐसा करना चाहिए था।कमीने साले ने अपने माँ -बाप के पैसे बर्बाद किये। और नौकरी की आस मैं माँ -बाप भी सहीद हो गए, मिला क्या घंटा, इसीलिए अगर जेब में ना हो कौड़ी तो मत करो आगे -आगे दौड़ी।
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