Thursday 5 March 2015

Ma Naukari mil gayi

बेटा:- माँ - माँ,माँ :- क्या है बेटा ? बेटा :- मुझे नौकरी मिल गयी माँ। माँ :- बेटा ये तो तूने बहुत अच्छी खबर सुनाई बेटा।  कब से कान तरस गए थे बेटा अच्छी खबर सुनने को। मनहूस खबरें सुन कर मेरे कान पक गए थे बेटा। तेरी बहिन को जब से कालिया उठा कर ले गया है काली पहाड़ी के पीछे उसके बाद से यही ख़ुशी की बात है मेरे लिए। बेटा :- माँ छोड़ो पुरानी बातों को ,  वैसे भी कालिया ने ठीक ही किया बहिन को ले गया, नहीं तो बहिन ही एक दिन कालिया को ले भागती , माँ अब सबका उधार दे दूंगा।  लाला से तेरे कंगन भी वापिस ले लूंगा।  और तुझे मंदिरों से चप्पल चोरी नही करने पड़ेंगे। तेरे लिए नयी चप्पल ला  दूंगा। अब हमें के  कुत्ते  मुँह से रोटी भी नही छीननी पड़ेगी।माँ :- बेटा ये सब करने में तो बहुत पैसा लगेगा ,बेटा :- माँ तू चिंता मत कर , एक लाख सैलरी है मेरी एक महीने की। माँ:- ऐसे ही  आगे बढ़ते रहो बेटा , पर तूने बताया नही की तुझे कौन सी नौकरी मिली है ? बेटा :- माँ ऐसी नौकरी केवल किस्मत वालो को ही मिलती है। माँ :- वो तो ठीक है बेटा , पर बताना क्या काम करना पड़ेगा तुझे नौकरी में।  बेटा :- माँ बहुत आसान सा काम है कोई राकेट नही बनाना है मुझे , बस सफ्ताह में एक दिन गीले कपडे से लाइट के तारों को साफ़ करना है. बस माँ इतना सा और इतना सरल काम है, और कंपनी वाले पागल हैं माँ जो इस काम के लिए एक लाख रूपए दे रहे हैं। 

No comments:

Post a Comment