Monday 19 January 2015

बिहारी हो क्या


“बिहारी हो क्या ?”
“हाँ भईया … ”
“हाहाहा … तभी … साला सब बिहारी ऐसे ही होते हैं …”

रोहित ने अपने office colleague विराट को ये बोलते सुन लिया … विराट जिस बन्दे को बिहारी होने का ताना दे रहा था उसकी गलती बस इतनी थी कि वो नया नया आया था शहर में, और शहर के रिवाज़ों से वाकिफ नहीं था …
“भइया ई metro का जो टिकट है, उसको TTE को देना होगा ?”
इतनी सी बात पे विराट ने जो हताशा जताई उससे एक अनजान व्यक्ति को बिहारी होना गाली सा प्रतीत हो गया …
रोहित को विराट की ये बात ज़रा भी नहीं भाइ … ऐसा नहीं है की विराट को पता नहीं है कि रोहित बिहार से है, पर विराट की अवधारणा कोई उसकी खुद की बनायी नहीं है … विराट वैसे तो रोहित से बहुत घुला मिला हुआ है, पर किसी भी अनजान बिहारी को मूर्ख समझना ये trend सा बन गया है जिसे ना रोहित बदल सकता है ना शहर के लोग …
“क्यूँ भाई, सब बिहारी कैसे होते हैं?”, रोहित ने खीज कर विराट से पूछा …
“अरे भाई, तू क्यों बुरा मान रहा है? मैं तो उन गंवारों की बात कर रहा था … ”
“वो गंवार क्यों हो गया ? क्यूंकि उसे पता नहीं की metro में tickets कैसे use होते हैं?”
“ठीक है उसकी बात छोड़ … पर maximum percentage ऐसे लोग बिहारी ही होते हैं … एकदम backward…”

रोहित से रहा न गया … इसलिए नहीं कि उसे इस बात से ठेस पहुँच गयी , बल्कि इस बात से की आज भी अपने ही देश के लोग बिहार के बारे में अनजान हैं …
“तब तो चाणक्य जिन्हे Economics और Political Science का pioneer माना जाता है, वो भी backward थे … महावीर जिन्होंने जैन धर्म की सीख दी, वो भी backward थे, Ashoka the great जिसने इतनी बड़ी empire खड़ी की और फिर messenger of peace बन गए, वो भी backward थे, हमारे राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर backward थे, हमारे देश के पहले राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद backward थे … Nalanda university में पढ़ने वाले scholars backward थे … आर्यभट्ट यहां educate हुए वो भी backward थे … सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी वो भी backward थे,कुंवर सिंह जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई लड़ी वो भी backward थे, बुद्ध ने जहां ज्ञान पाया, संघमित्रा ने जहां से Srilanka, Burma और Thailand तक बुद्ध धर्म का प्रचार किया, चन्द्रगुप्त मौर्या ने जहां से पूरे भारत देश को unite kiya और बंगाल से लेके अफ़ग़ानिस्तान और बलोचिस्तान तक आज तक का सबसे बड़ा empire खड़ा किया, गांधीजी ने जहां से सत्याग्रह चलाया, सब backward ही थे … हाँ भाई, बिहार ही backward है …
….
सच बात तो ये है दोस्त, कि जिस देश की history और culture पे तुम इतना proud feel करते हो न, उसमें बहुत बड़ा हिस्सा बिहार का है …”
विराट को ये इतिहास का ज्ञान थोड़ा overrated लगा, उसने तुरंत जवाब दिया,
“क्या तू history को लेके बैठ गया , आज की बात कर न … आज कहाँ है तेरा बिहार?”
“वहीँ हैं जहां इस देश के government ने छोड़ दिया … 1970 के बाद development almost stop हो गयी, Freight Equalization Policy के कारण साला यहां सबसे ज़्यादा minerals होने के बावजूद सारे industries coastal areas में डाले जाने लगे … सारा माल यहां से ले जाते थे पर यहां पे कोई prospect नहीं था industrial growth का … किसी भी state को ले लो … Industries are the backbone of development … वो नहीं थी तो infrastructure नहीं बना, cultural exchange भी नहीं हुआ, education policies पे भी ज़ोर नहीं दिया …

और सबसे बड़ी problem थी कि कोई अच्छा leader नहीं था … ये जो गंवार की definition है वो लालू प्रसाद यादव जैसे politicians ने बना कर रखी है …

तुम्हे क्या लगता है ? यहां से इतने पढ़े लिखे students जाते कहाँ हैं ? I.A.S, I.P.S सब बड़े बड़े administrative posts, India के अलग अलग parts में job कर रहे हैं, कोई यहां नहीं आना चाहता …
हमें ही ले लो … Doctors हो , Engineers हो, Lawyers हो …even सब bureaucrats भी वहाँ नहीं रहना चाहते … क्यों ? क्यूंकि कोई opportunity नहीं है ! देखो, जिन doctors engineers को बहुत अच्छी opportunity मिल जाती है वो foreign चले जाते हैं, next grade बाकी tier-1 and tier-2 cities में बस जाते हैं, और बाकी जो थोड़े बहुत बचे रहते हैं जिनमे ज़्यादातर cream होने के बजाय reservation base पे serve कर रहे होते हैं, वो कितना ही सुधारेंगे बिहार को? अभी तो जाके relatively better governance के कारण गड्ढे से ऊपर उठे हैं, opportunities बढ़ेंगी तो automatically लोग brain drain छोड़ देंगे … मुझे ही अगर salary थोड़ी कम ही सही पर अच्छा career option मिलता वहाँ, तो मैं भी यहां क्यों आता ?

सच तो ये है भाई कि बिहारी backward नहीं, हमारे देश की व्यवस्था backward है … तुम्हे वही backward बिहारी दुबई में बुर्ज खलीफा बनाते हुए मिलता है, जिसके skills को तुम यूँही discard कर देते हो ये बोल के कि labourer है तो बिहारी है … America में renowned doctor होता है जिसे यहां तुम अपने medical certificate बनाने के लिए use करते हो, और Facebook में Software engineer होता है जिसे तुम यहां 40,000 की नौकरी के लिए दिन रात खटा रहे होते हो …. ”
विराट चुप था … शायद रोहित की बातें सुन के … शायद उसकी बातों को नकार के … पर चुप था ….

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