Sunday, 28 December 2014

'हरामजादा'


'हरामजादा' शब्‍द पर बहुत विवाद मचा हुआ है। चलो, 'हरामजादा' शब्‍द का लोकप्रचलित अर्थ समझते हैं। हरामजादा- फारसी (पुल्लिंग) शब्‍द है, जिसका अर्थ 'दोगला' या 'वर्णसंकर' है। हरामजादा की उत्‍पत्ति 'हरम' से हुई। 'हरम' वो जगह होता था, जहां सुल्‍तान बहुत सारी महिलाओं को रखैल बनाकर रखते थे। इसलिए उन रखैलों से पैदा होने वाली संतानों को शुरू में हरामजादा कहा जाता था, अरब और फारस में। लेकिन कालांतर में इस शब्‍द का अर्थ बदलता चला गया और 'दुष्‍ट' व 'बदमाश' लोगों के लिए 'हरामजादा' शब्‍द प्रयुक्‍त होने लगा। हिंदी डिक्‍शनरी में आपको 'हरामजादा' का दुष्‍ट व बदमाश वाला अर्थ भी मिलेगा। हरामदाजा का स्त्रिलिंग 'हरमजदगी' है। यह भी फारसी शब्‍द है, लेकिन इसे शुद्ध रूप में 'शरारत' और 'दुष्‍टता' के लिए प्रयुक्‍त किया गया है। दरअसल बाद में 'हरामजादा' शब्‍द ने लोक प्रचलन में 'दुष्‍टता' और 'शरारत' का अर्थ ले लिया, जिसके कारण 'हरमजदगी' शब्‍द का निर्माण हुआ। 'हरामी' का उपयोग कई बार विशेषण के रूप में भी होता है और वह भी 'दुष्‍टता' प्रदर्शित करने के लिए ही किया जाता है। हरदेव बाहरी जैसे विद्वानों ने अपने हिंदी से हिंदी शब्‍दकोष में भी इसके 'दुष्‍टता' और 'शरारत' वाले अर्थ को दर्शाया है। अब आप देखो, 'दोगला' शब्‍द कहने को तो गाली है और यह वर्णसंकर के लिए प्रयुक्‍त होता था, लेकिन कालांतर में यही शब्‍द दोहरे चरित्र वाले, दो तरह की बातें करने वालों के लिए प्रयुक्‍त होने लगा। कई शब्‍द कालांतर में अपना मूल अर्थ खोकर दूसरा अर्थ ग्रहण कर चुके हैं, 'हरामजादे' के साथ भी यही हुआ। उसने अपना 'दोगलापन' वाला अर्थ खोकर 'दुष्‍टता' वाला अर्थ ग्रहण कर लिया। एक और उदाहरण देती हूं। बंगालियों को 'बाबू' कहा जाता है, लेकिन आप जानते हो क्‍यों। बंगाली बहुत ज्‍यादा मछली खाते हैं। ईस्‍ट इंडिया कंपनी ने जब कोलकाता में अपना एंपायर स्‍थापित किया तो उन्‍होंने मछली के बदबू के कारण बंगालियों को 'बदबू' कहना शुरू किया। बांग्‍ला-हिंदी में बंगालियों को नीचा दिखाने के लिए अ्ंग्रेज उन्‍हें 'बदबू' कहते थे और मजाक उड़ाते थे। कालांतर में बदबू से 'द' गायब हो गया और यह सम्‍मानजनक 'बाबू' बन गया। इसलिए शब्‍दों पर न जाओ, क्‍योंकि जनप्रयोग के कारण बड़ी संख्‍या में शब्‍दों के मूल अर्थ कब बदल गए, हमें इसका पता भी नहीं है।

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