Thursday 21 May 2015

आंटी बोली:- बेटा तो अब क्या करोगे ?



written by:- Arahan Singh Dhami

  हर दिन की तरह उस दिन भी मैं बेकार बैठकर कुछ सोचते हुए सुर्ती बना रहा था, सुर्ती  मुँह में डालने के बाद कुछ स्फूर्ति आयी. इतने में पड़ोस की एक आंटी मिठाई का डिब्बा लेकर हमारे घर आयी, मैंने आंटी को नमस्ते किया, और आंटी ने बोला ले बेटा  मिठाई खा , मैंने पूछा किस बात के लिए मिठाई खिला रही हो. आंटी बोली मेरी बहन  के देवर की बहन के बेटे की सरकारी नौकरी लग गयी, मैंने कहा  बधाई हो, इतने में मम्मी भी आ गई, आंटी ने मम्मी को भी  मिठाई खिलाई मम्मी ने पूछा किस ख़ुशी में मिठाई खिला रहे हो, आंटी ने बता दिया मेरी  बहन के देवर की बहन के लड़के की नौकरी लग गयी. मम्मी ने भी उन्हें बधाई दी.मम्मी के चेहरे पर थोड़ी मायूसी सी  झलक रही थी माँ सोच रही थी काश मैं भी अपने बेटे की नौकरी लगने की ख़ुशी में मिठाई बाँट सकती। मैं समझ गया मम्मी ऐसा सोच रही है. मम्मी आंटी को बैठने के लिए बोलकर उनके लिए चाय बनाने चली गयी. आंटी ने मुझ से पूछा और बेटा  आजकल क्या कर रहे हो, आंटी ने जानबूझकर ये सवाल पूछा। मैंने बोला आंटी वो ही पुराना काम कर रहा हूँ , आंटी बोली  कौन सा काम? मैंने बोला कुछ नही करने का काम.आंटी बोली बेटा तुम्हारी उम्र भी निकल रही है कुछ न कुछ काम तो करना ही पड़ेगा, ऐसे कैसे चलेगा, तुम्हारी पिताजी भी इस दुनिया में नही हैं, उनकी पेंशन के भरोसे कब तक रहोगे, बिना नौकरी के कोई लड़की तुमसे शादी भी नही करेगी,  आंटी बोले जा रही थी और मैं मन ही मन आग बबूला हो रहा था. फिर सोचा आंटी बड़ी हैं ठीक ही बोल रही हैं. आंटी ने पूछा जो तुमने फॉर्म भरा था उसका क्या हुआ मैंने बोला clear नही कर पाया। अगली बार try करूँगा। आंटी बोली बेटा  न जाने तुम कब से फॉर्म भरे जा रहे हो, लेकिन किसी में भी नही निकले, ऐसे फॉर्म भरते भरते तो तुम्हारी जिंदगी बीत जायेगी। मैंने dialogue मार दिया आंटी कोशिश करने वालों की हार नही होती। आंटी बोली वो तो  ठीक है, तुमने कॉलेज कर लिया, ये बताओ अब आगे क्या करोगे ?
मैं सोच में पड़  गया और अपने माथे पर हाथ रख कर बोला आंटी आगे.…हवन करेंगें   हवन करेंगें    हवन करेंगें। ये सुन कर आंटी चली  गई , अब कभी भी आंटी पूछती है बेटा  क्या करोगे मैं यही बोलता हूँ हवन करूँगा  हवन करूँगा।

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